FISCAL DEFICIT (RAJKOSHIYA GHATA)
FISCAL DEFICIT (राजकोषीय घाटा)
देखो जहां तक fiscal deficit की बात है तो अंग्रेजी में सीढ़ी सादी परिभाषा है कि Fiscal deficit is the difference between the government’s expenditures and its revenues (excluding the money it’s borrowed). A country’s fiscal deficit is usually communicated as a percentage of its gross domestic product (GDP)
लेकिन मैं इसे हिंदी में समझाना चाहूँगा। हिंदी में इसे कहते हैं ‘राजकोषीय घाटा’. ये वास्तव में तो वह स्थिति है जब आमदनी कम लेकिन खर्चा ज़्यादा हो। ये है घाटे की परिभाषा अब अगर ये घाटा सरकार को हो रहा है तो राजकोषीय घटा हुआ. इसको कम करने के बहुत से उपाय है अगर सरकार सही तरीके से टॅक्सस को पारदर्शी बनाए तो सरकार को अभी जो आमदनी हो रही है उससे पाँच गुना ज़्यादा आमदनी होगी और सरकार अपना विदेशी कर्ज़ चुका कर भी फ़ायदे मे रहेगी.
देश के ख़ज़ाने मे अगर आमदनी अठन्नी हुई हो और खर्चा रुपया हो जाए तो उसे अठन्नी का राजकोषिए घाटा कहेंगे, इसे पूरा करने के लिए देश के आका लोग बाहर से कर्ज़ा लेते है, जो सूद समेत वापस करना होता है साथ ही उनकी दूसरी उत्पाटांग सरते भी माननी पड़ती है, वर्तमान मे भारत पर लगभग 500 अरब डॉलर का क़र्ज़ है आज सालाना बजट का 30% हम विदेशी कर्ज़ो का की किस्त दे रहे है जो लगभग 50 वरसो मे पूरी होगी साथ ही हर साल डॉलर की तुलना मे रुपय का 10% तक अवमूल्यन कर रहे है जबकि खुद डॉलर का 10% तक अवमूल्यन हो रहा है, यानी कुल मिला कर हमारी सरकार जितना कमा रही है उसका 50% विदेशो को दे रही है यही पैसा अगर विकाश मे लगाया जाता तो विकाश की रफ़्तार 5 गुना तक ज़्यादा होती. और भारत अभी दुनिया का सबसे ताकतवर देश होता और ये सब नही हुआ इन गाँधीवादीओ की मेहरबानी से.
COURTESY Mr SHIV KISHOR