CELL (KOSHIKA)
कोशिका क्या है?
मानव की कोशिका
कोशिका सजीवों की सरंचनात्मक इकाई होती है| जिस तरह किसी भवन के निर्माण के लिए ईटों का प्रयोग किया जाता है| उसी तरह से सजीव जगत के सभी जीव-जन्तु कोशिकाओं से बने होते हैं| भवन में इंटों की सरंचना काफी सरल होती है लेकिन किसी भी जीव में कोशिकाओं की सरंचना अधिक जटिल होती है|
कोशिकाओं की संख्यां
मनुष्य तथा दूसरे बड़े जीव जन्तुओं का शरीर कई खरबों कोशिकाओं से मिलकर बना होता है| वह जीव जिनका शरीर एक से अधिक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है वे जीव बहुकोशिक (Multicellular) जीव कहलाते हैं| जिन जीवों का शरीर केवल एक ही कोशिका से बना होता है वह जीव एक्कोशिक (Unicellular) जीव कहलाते हैं, एक कोशिक जीवों के उदाहरण हैं अमीबा, पैरामिशियम आदि| एक कोशिक जीव भी बहुकोशिक जीव की तरह ही भोजन खाता है, पचाता है, सांस लेता है, मल उत्सर्जन करता है, वृद्धि एवं प्रजनन करता है| बहुकोशिक जीवों में यह सभी कार्य कोशिकाओं के समूहों द्वारा पूरे किये जाते हैं| बहुकोशिक जीवों में कोशिकाओं का समूह उतक (Tissue) का निर्माण करता है तथा यह विभिन्न उतक शरीर के अंगों का निर्माण करते हैं|
कोशिका का आकार
जानवरों की कोशिका
सजीवों में कोशिका का साइज 1 मीटर का 10 लाखवे भाग (माइक्रोमीटर अथवा माइक्रोन) के बराबर छोटा हो सकता है या फिर कुछ सेंटीमीटर लम्बा भी| लेकिन ज्यादातर कोशिकाएं बहुत सूक्ष्म होती हैं, इन्हें हम नग्न आँखों से नहीं देख सकते, इनको देखें के लिए सूक्ष्मदर्शी यंत्र का उपयोग करना पड़ता है| सबसे छोटी कोशिका का साइज 0.1 से 0.5 माइक्रोमीटर है जो की जीवाणु की कोशिका है तथा सबसे बड़ी कोशिका का साइज शुतुमुर्ग का अंडा है जिसका साइज 170mm * 130mm होता है|
किसी कोशिका के साइज का सम्बन्ध किसी पौधे अथवा जन्तु के साइज से नहीं होता| ऐसा बिलकुल भी आवश्यक नहीं है कि बड़े आकार के जीवों की कोशिकाओं का आकार बड़ा होगा और छोटे आकार के जीवों की कोशिकाओं का आकार छोटा होगा। कोशिका के साइज का सम्बन्ध कोशिका के कार्य से होता है| उदाहरण के लिए तंत्रिका कोशिकाएं सभी जोवों में एक ही आकार की होंगी| तंत्रिका कोशिकाएं मस्तिष्क में संदेशों के स्थानातरण का कार्य करती है| इसी तरह रक्त कि कोशिकाओं का आकार भी एक समान होगा।
पौधों की कोशिका
कोशिका के भाग
एक कोशिका के तीन मुख्य भाग होते हैं – कोशिका झिल्ली (Cell Membrane), कोशिका द्रव्य (Cell fluid) और केन्द्रक (Cell Nucleus)| कोशिका द्रव्य एवं केन्द्रक कोशिका झिल्ली के अन्दर परिबद्ध (Bounded) होते हैं|
1) कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) – कोशिका झिल्ली एक कोशिका को दूसरी कोशिका से अलग करती है| यह झिल्ली कोशिका को सभी तरफ से घेरे रहती है| कोशिका झिल्ली को प्लाज्मा झिल्ली भी कहते हैं| कोशिका झिल्ली सरंध्र (छिद्रयुक्त) होती है अथवा इसमें बहुत छोटे छोटे से छेद होतें हैं। इन छोटे छोटे छेदों के जरिये कोशिका झिल्ली विभिन्न पदार्थों के कोशिका में आने जाने के लिए नियमन(Transport) का कार्य करती है| पौधों की कोशिका में कोशिका झिल्ली के बाहर एक अतिरिक्त बाहरी मोटी परत भी होती है इस परत को कोशिका भित्ति कहा जाता है|
2) कोशिका द्रव्य (Cell fluid) – कोशिका द्रव्य एक जैली जैसा पदार्थ होता है जो कि कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) एवं केन्द्रक (Cell Nucleus) के बीच में पाया जाता है| कोशिका के अन्य जो भी भाग होते हैं वे सभी कोशिका द्रव्य में ही पाए जाते हैं| कोशिका के इन विभिन्न भागों में माइटोकानड्रीया (Mitochondrian), गाल्जीकाय, राइबोसोम (Ribosome) अदि आते हैं|
3) केन्द्रक (Cell Nucleus) – सजीवों की कोशिका का यह महत्वपूर्ण हिस्सा होता है| आकर में यह गोलाकार होता है तथा कोशिका के मध्य भाग में स्थित होता है| केन्द्रक अपने चारों और एक झिल्ली से घिरा रहता है जिसे केन्द्रक झिल्ली (Nucleus Membrane) कहते हैं| यह झिल्ली केन्द्रक को कोशिका द्रव्य से अलग करती है| यह झिल्ली भी कोशिका झिल्ली की तरह सरंध्र (छिद्रयुक्त) यानी कि छोटे छोटे छेदों वाली होती है। इन्ही छोटे छोटे छेदों के जरिये कोशिका कोशिका द्रव्य(Cell Fluid) और केन्द्रक(Cell Nucleus) के बीच पदार्थों का आना जाना नियंत्रित करती है| केन्द्रक के अंदर एक छोटी सघन सरंचना भी होती है इसे न्यूक्लओलस (nucleolus) कहते हैं| इसके अलावा केन्द्रक (Cell Nucleus) में धागे की तरह समान सरंचनाएं भी होती हैं इन्हें क्रोमोसोम अथवा गुणसूत्र (Chromosome) कहते हैं| ये जीन के धारक होते हैं तथा ये अनुवांशिक गुणों अथवा लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित करते हैं|
जीवाणु की कोशिका
जीवाणु की कोशिका का केन्द्रक बहुकोशिक जीवों के केन्द्रक की तरह नहीं होता| जीवाणु कोशिका का केन्द्रक झिल्ली से घिरा नहीं होता| ऐसी कोशिकाएं जिनमे केन्द्रक झिल्ली के बिना होता है, प्रोकैरियोटिक कोशिका (Prokariyotic cell) कहलाती हैं| ऐसी कोशिकाएं जिनमे केन्द्रक झिल्ली से घिरा रहता है, यूकैरियोटिक कोशिका (Eukaryotic cell) कहलाती हैं|
राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र पुणे में है।
COURTESY Mr SHIV KISHOR